।। श्री कृष्ण :शरणं मम : ।।
श्री - अक्षर के उचचारण से लक्ष्मी सहित सौभाग्य की प्राप्ति होती है ।
कृ - अक्षर के उच्चारण करनेसे सम्पूर्ण पापो का नाश होता है ।
ष्ण : - अक्षर के उच्चारण से भौतिक आत्मिक अधिदैविक दुखो का हरण होता है ।
शं - अक्षर के उच्चारण से जन्म मरण का दुःख दूर होता है ।
र - अक्षर के उच्चारण से प्रभु संबंधी ज्ञान प्राप्त होता है ।
णं- अक्षर के उच्चारण से श्री कृष्णमें भक्ति बढ़ती है ।
म - अक्षर के उच्चारण से भगवद सेवा के उपदेशक श्री गुरुदेव में प्रीती उत्पन्न होती है ।
म :- अक्षर के उच्चारण से प्रभु में समाज्य कराता है जिससे पुन : जन्म नहीं लेना पड़ता है
यह मन्त्र पुष्टिमार्ग का महामंत्र है
प्राणों से भी अधिक मुल्यवान है
निश्चित स्वरूप से सर्वदा सर्वोपरी महामंत्र है ।
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