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अच्छी आदतें ही आती हैं मुसीबत में काम

हमारे पास धन-दौलत अथवा अन्य किसी भी प्रकार की समृद्धि आती है, तो हम उसे सहेज कर रख लेते हैं। धन की प्रायः तीन गतियां कही गई हैं - सदुपयोग, दुरुपयोग अथवा विनाश। यदि हम अर्जित धन-दौलत अथवा समृद्धि का सदुपयोग नहीं करेंगे तो उसका दुरुपयोग अथवा विनाश अवश्यंभावी है। समझदार व्यक्ति अपनी धन-दौलत का न केवल सदुपयोग करते हैं बल्कि अतिरिक्त धन-दौलत को किसी उपयोगी व्यवसाय में लगा देते हैं अथवा बैंक में डाल देते हैं। पैसा भी सुरक्षित हो जाता है और अतिरिक्त आय भी नियमित रूप से होती रहती है। अच्छी आदतों अथवा सद्गुणों के संबंध में भी यही बात कही जा सकती है। सद्गुणों का उपयोग नहीं करेंगे तो उनका भी विनाश हो जाएगा और उनसे होने वाले लाभ से हम वंचित रह जाएंगे। कई बार तो कुछ अच्छी आदतें हमें मृत्यु के मुंह तक से खींच लाती हैं।
एक फ्रीजर प्लांट में एक इंजिनियर थे। वह वहां कार्य करने वाले सभी कर्मचारियों से अत्यंत विनम्रता से पेश आते और आते-जाते सबका अभिवादन करना कभी नहीं भूलते थे। उनकी इस अच्छी आदत के कारण सभी लोग उनका बहुत सम्मान करते थे। एक दिन छुट्टी के समय जब सभी कर्मचारी घर जाने की तैयारी कर रहे थे तो अचानक प्लांट में कोई तकनीकी खराबी आ गई। इंजिनियर महोदय प्लांट में आई गड़बड़ी को सुधारने में लग गए। जब तक उनका कार्य पूरा हुआ काफी देर हो चुकी थी। वह प्लांट के एक ऐसे कोने में कार्य कर रहे थे जिधर किसी का भी ध्यान नहीं गया। प्लांट के दरवाजे सील करके सभी कर्मचारी अपने-अपने घर चले गए। इंजिनियर महोदय ने जोर-जोर से आवाज लगाई पर अंदर की आवाज बाहर नहीं जा रही थीं। ठंड बढ़ती जा रही थी। बचने का कोई उपाय नहीं दिखाई पड़ रहा था। इंजिनियर महोदय ठंड के मारे अपनी चेतना खोते जा रहे थे। तभी एक चमत्कार हुआ।
अचानक प्लांट का दरवाजा खुला और एक सिक्यॉरिटी गार्ड अंदर आया। उसने सारी लाइटें जला दीं और इंजिनियर महोदय को पुकारने लगा। उसने उन्हें बाहर निकलने में मदद की और भूल के लिए क्षमा मांगी। इंजिनियर महोदय ने गार्ड से पूछा, 'आपको कैसे पता चला कि मैं अंदर रह गया हूं?' गार्ड ने जवाब दिया, 'सर इस प्लांट में कई दर्जन लोग काम करते हैं लेकिन आप अकेले ऐसे व्यक्ति हैं जो हर रोज आते हुए मेरा हालचाल पूछते हैं और जाते हुए अलविदा कह कर जाते हैं। मुझे याद आया कि आपने सुबह तो मेरा हालचाल पूछा था लेकिन शाम को आपसे मुलाकात ही नहीं हुई। मुझे कुछ अनहोनी का शक हुआ और मैं आपको देखने अंदर चला आया।' हमारी अच्छी आदतें विशेष रूप से हमारा किसी को प्यार व सम्मान देना विषम परिस्थितियों में हमारे जीवन तक को बचा सकता है

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